Vridha Ashram कैसे बदल रहा है बुजुर्गों का जीवन
Vridha Ashram आज के समाज का एक महत्वपूर्ण हिस्सा बन गए हैं, खासकर उन बुजुर्गों के लिए जो किसी कारणवश
Celebrating aging and enabling independence.
Vridha Ashram आज के समाज का एक महत्वपूर्ण हिस्सा बन गए हैं, खासकर उन बुजुर्गों के लिए जो किसी कारणवश
भारत में बुजुर्गों को समाज और परिवार का आधार माना जाता है। उनकी सेवा और सम्मान हमारी संस्कृति का महत्वपूर्ण
बदलते समय और परिवार की संरचना में आ रहे परिवर्तनों के चलते Vridha Ashram का प्रचलन बढ़ा है। आज के
बढ़ती उम्र के साथ जीवन के कई पहलुओं में बदलाव आता है, जिसमें शारीरिक स्वास्थ्य से लेकर मानसिक संतुलन तक
Vridhashram में जीवन व्यतीत करने वाले बुजुर्गों के लिए सामाजिक जीवन का महत्व अपार होता है। उम्र बढ़ने के साथ
Vridhashram, जिसे आमतौर पर Old Age Home के रूप में भी जाना जाता है, एक ऐसा निवास स्थान है जहाँ
भारत एक ऐसा देश है जिसे हमेशा से अपनी पारिवारिक व्यवस्था और सामूहिक परिवारों के लिए जाना जाता रहा है।
एक ऐसा जगह जहाँ पर सिर्फ और सिर्फ वृद्ध व्यक्ति ही रहते है या फिर सिर्फ वृद्ध व्यक्ति ही मिलेंगे।
हमारे समाज में वृद्ध व्यक्तियों की भूमिका अनमोल होती है। उन्होंने अपनी मेहनत और अनुभव से जीवन के विभिन्न पहलुओं
मातोश्री सेवाधाम (वृद्धजन सेवा केन्द्र) बैतूल नगर में भोपाल की ओर 10 कि.मी, की दूरी पर न्यू आरटी,ओ. ऑफिस
के समीप डॉ. लोहिया आदिवासी समता केन्द्र की भूमि, ग्राम उड़दन में स्थित है।
Matoshri Vridha Ashram
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